पूरुब से आवेले बदरिया नु हो,जहां पिया जी हमार।
भींजे मोरी कोरी रे चुनरिया नु हो,नाहीं बाड़ें रखवार।
पुरुवा के झोंकवा से सिहरे बदनियां।
टप टप अंचरा से चूवे मोरा पनियां।
आगि लगो कोठवा अंटरिया नु हो,
नाहीं बाड़ें रखवार।
पूरुब से आवेले बदरिया नु हो,जहां पिया जी हमार।
पिऊ पिऊ बोलेला मोर पिछवरवां।
निनिया पराई गइलीं ननदी बहरवां।
झलुआ क गीतिया बिरहिया नु हो,
नाहीं बाड़ें रखवार।
पूरुब से आवेले बदरिया नु हो,जहां पिया जी हमार।
संझवा बिहनवां ना लागे मोर मनवां।
सासु सुत्तें अंगना ससुर जी दलनवां।
सेजिया सवतिया नगीनिया नु हो,
नाहीं बाड़ें रखवार।
पूरुब से आवेले बदरिया नु हो,जहां पिया जी हमार।
- राकेश कुमार पांडेय
गांव-हुरमुजपुर,सादात
गाजीपुर,उत्तर प्रदेश